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Showing posts from January, 2024

राम : सँविधान की चेतना

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  प्रजासत्ताक दिवस पर राम : सँविधान की चेतना         @मानव सँविधान राजनीतिक सुशासन के सपनों का पथ प्रदर्शक है और विधायी मर्यादा का  रक्षक भी; मर्यादा पुरुषोत्तम का प्रभाव जिसमें सर्वत्र दृष्टिगोचर होता है।  सँविधान की मूल प्रति पर  लँका विजय के बाद अयोध्या पहुँचने का दृश्य  रामराज्य के सपनों को  साकार करने के दृढ़निश्चय  और उसकी ओर प्रयाण की अभिव्यक्ति है। राम सँविधान की चेतना हैं, वह इसके आदर्शों में समाए हैं, मूलभूत अधिकारों के अध्याय के पहले पृष्ठ पर उनका चित्र  मौलिक अधिकारों के माध्यम से रामराज्य की परिकल्पना को स्वर प्रदान करता है, जो नागरिकों को बराबरी का मौका व भेदभावों से मुक्ति प्रदाता है।  राम लोकशाही के जीवंत प्रतीक हैं; राम ऐसे शासक हैं, जो यह मानकर चलते हैं  कि उनसे भी गलती हो सकती है, वह अपनी प्रजा को यह अधिकार भी देते हैं कि वह अपने राजा को  गलती करने से रोक दे- 'जौ अनीति कछु भाखहुँ भाई, तौ मोहि बरजहु भय बिसराई।' राज्यव्यवस्था का यह  उच्चतम आदर्श है; हमारा संविधान यही आजादी अपने देशवासियों को देता है। सँविधान अपने नागरिकों से  जो अपेक्षा करता है, वही सब कुछ रामरा

राम! (हाइकू)

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 श्रीरामजन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिव्य व पवित्र अवसर पर  हाइकू राम!         @मानव ( १ ) शुभ है दिन मुदित मन लौटे अयोध्या राम।। (२) सूर्य रश्मियाँ स्वागत में पसरीं विधाता राम।। ( ३ ) व्यतीत हुआ तिरपाल का युग स्वगृह राम।। ( ४ ) था वनवास पञ्च शतक काल आते हैं राम।। ( ५ ) गूँजें गलियाँ शुभ मंगल गान आते हैं राम।। ( ६ ) बहु बलियाँ प्रतिष्ठित फिर से है सनातन।। ( ७ ) विश्व शान्ति हो शुभमंगलमय जगद्गुरु हो। ✍️ मनोज श्रीवास्तव

देव दिवसारंभ

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  मकर संक्रान्ति पर विशेष देव दिवसारंभ         @मानव भारतीय संस्कृति में वेदों से लौकिक साहित्य तक सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं; संपूर्ण संसार के जीवों की उत्पत्ति पालन,पोषण,संहारक देव हैं। संपूर्ण जगत की आत्मा हैं; वेद उद्घोषित करते हैं- सूर्य आत्मा जगतस्तस्थुषश्च। संपूर्ण देवता इन्हीं के स्वरूप हैं। जब भगवान सूर्य धनु राशि का भ्रमण पूर्ण कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, वह काल मकर संक्रांति है। मकर राशि में सूर्य का वास एक मास का है, राशि-क्रम में मकर राशि  दशम राशि है, दसवाँ स्थान आकाश एवं कर्म का है। मकर का अर्थ है जो मंगल या कल्याण प्रदान करें, मकर संक्रांति प्राकृतिक पर्व है, तथापि भारतवर्ष में यह धार्मिक पर्व है। पुराणों एवं धर्मशास्त्रों में  इसे अत्यधिक पुण्यदायी  संक्रांति की मान्यता है, क्योंकि यहीं से सूर्य अपने गमन पथ के  दक्षिणी मार्ग का परित्याग करके उत्तर मार्ग पर चलना  आरंभ करते हैं, अतएव यह उत्तरायण भी है। यह समय देवताओं के लिए दिन तथा असुरों के लिए रात्रि काल है; यहीं से पृथ्वी वासियों के लिए भी प्रकाश बढ़ने लगता है; उत्तरायण में दिन बढ़ने लगता है; प्रकाश की वृद्धि सर्व