कानून वापसी के राजनीतिक निहितार्थ
कानून वापसी के राजनीतिक निहितार्थ १ - मोदी के वोटर मोदी को दृढ़ संकल्पित व्यक्ति के रूप में मानते रहे अतः वह कतई कानून वापसी के पक्ष में नहीं थे,जबकि कानून वापसी की माँग करने वाले उनके वोटर कभी नहीं थे इसलिए मोदी ने अपने समर्थकों का भरोसा डगमगा दिया है।वे उनको कैसे विश्वास दिला पाएँगे यह तो समय ही बताएगा। २ -कानून वापसी की मांग की आड़ में उपद्रवी तत्व, विदेशी ताकतें और उनके घरेलू दलाल जिस तरह से देश तोड़ने की साजिशें रच रहे थे,लोगों को भड़का रहे थे उस पर रोक लग गई है। ३ -एक अनुमान तो यह भी है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार की चिंता बढ़ रही थी। पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रदर्शनकारियों के बीच खालिस्तानी और पाकिस्तानी तत्वों की बढ़ती पैठ को लेकर लगातार आगाह करते रहे थे उनका मानना था कि पंजाब में तीन दशक पहले जैसी अशांति एवं अस्थिरता का खतरा बढ़ रहा था। ४ -यह रोचक है कि भारत के अंदर नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों के कटु आलोचक रहे अर्थशास्त्रियों ने भले कोई सवाल नहीं उठाए पर स्थानीय राजनीति से प्रभावित कनाडा के पीएम जस्टिन टुडो और ब्रिटेन व अमेरिका के कुछ सांस