पावन नवरात्र

पावन नवरात्र

(१)

नवरात्र!

शक्ति उपासना-पर्व,

प्रकृति-उपासना व योग का आग्रह,

सात्विक आहार से शक्ति-अर्जन-सुअवसर,

तामसी वृत्तियों से दूर रहने का संदेश,

दुर्व्यसन-मुक्ति का प्रदर्शक।


(२)

शक्ति!

कण-कण का अहसास,

ब्रह्माण्ड का सञ्चालक,

शरीर की इंद्रियों का केन्द्रक,

जिसकी न्यूनता से शरीर मृत-पिण्ड,

जिसके अभाव में "शिव" भी "शव",

जिसका अभाव ही मृत्यु,

इसी शक्ति उपासना का पर्व है नवरात्रि!


(३)

 नारी-महिमा व सम्मान का पर्व,

"नारी-अबला" नकारने का पर्व,

आततायी-संहार को आतुर दैवीय शक्ति,

नारी सम्मान प्रतिस्थापक,

मङ्गल सन्देश का महोत्सव,

नवरात्र!


मनोज श्रीवास्तव

Comments

Popular posts from this blog

रामकथा

'सीतायाः चरितं महत्'

आत्मा की समृद्धि का पर्व