श्री गुरवे नमः

 श्री गुरवे नमः

प्रस्तुति-मनोज श्रीवास्तव

अज्ञान के तम से 

निकालकर 

ज्ञान के प्रकाश में 

ले जाने वाले 

परम तत्व का नाम

गुरु है । 


वह शिष्य को 

असत् से 

सत् की ओर,

मृत्यु से 

अमृत की ओर 

ले जाता है। 


गुरु

भगवान के चरणों में 

अनुराग के द्वारा 

शिष्य को

ऐसा वैराग्य करा देता है

जिससे जीवन से

असद् वृत्ति का

समूलोन्च्छेदन 

हो जाता है।


गुरु वह शिव है 

जो जिह्वा और हृदय में

रामनाम रखकर

विष पीकर भी 

अमृतमय रहता है;

यही राम नाम का अमृत

शिष्य के हृदय में 

स्थापित करके 

उसे भी 

अमृतमय बना देता है ।

फलतः शिष्य 

शुद्ध,बुद्ध और मुक्त 

हो जाता है।


~मनोज श्रीवास्तव

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