शिव सन्देश
शिव सन्देश
प्रस्तुति-मनोज श्रीवास्तव
(१)
शिव
अति सरल देवता हैं।
लोकहित के लिए
गरल पीते हैं।
जब व्यक्ति
सहजता से
विसंगतियों का जहर
आत्मसात करता है,
वह भयाक्रान्त नहीं होता।
(२)
शिव
सिर्फ एक लोटा जल से
प्रसन्न हो जाते हैं।
जीवन की हर लब्धि
प्रयत्न का परिणाम है।
अतःइससे संतुष्ट होने की
आदत ही सुख देती है।.
(३)
असफलता व धोखा
जैसी विपरीतता हो
कोई छल-छ्द्म करे
अप्रिय स्थिति उत्पन्न करे
विष सम पीने की स्थिति
आन पड़े
तो भोले की तरह
कंठ में रोक लेना चाहिए।
अन्यथा
हृदय में उतरने पर
मन क्षुब्ध होगा,
बदला-भाव जागरित होगा
क्रोध,क्षोभ,अवसाद होगा।
यही शिव सन्देश है।
~मनोज श्रीवास्तव
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