क्रोध व क्षमा

 महापर्व पर्युषण(क्षमावाणी पर्व) पर विशेष

क्रोध व क्षमा 

      @मनोज

क्रोध त्यागकर 

स्व-स्वरूप में स्थिर होना 

क्षमा है। 


क्षमा 

क्रोध दूर करने की 

सफलतम युक्ति है।


क्षमा से

अहिंसा का

विकास होता है।


क्षमा हमें

सहनशीलता से 

रहने की प्रेरणा देती है। 


क्षमा से

हम स्वयं को 

चिंता 

व तनावमुक्त करते हैं।


क्षमा का अर्थ

क्रोध को दबाकर

माफ करना नहीं

अपितु वह अवस्था है

जहाँ क्रोध ही न आए।


क्रोध

उत्पन्न न होने देना, 

यदि हो भी जाए,

विवेक व नम्रता से 

विफल करना 

आवश्यक तप है। 


अपनी भूलों के लिए

क्षमा माँगना, 

दूसरों की त्रुटि हेतु 

क्षमा कर देना,

उदारता 

व शांति प्रियता का 

परिचायक है।


क्षमा हमारे मानसिक

एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर

अनुकूल प्रभावी है। 


हिंसा की आग में

झुलसते मानव को

क्षमा की शीतलता ही

राहत दे सकती है।

~मनोज श्रीवास्तव

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