श्री राधा
श्री राधाष्टमी पर विशेष
श्री राधा
@मानव
शाश्वत,अलौकिक
प्रेम की प्रतिमूर्ति
भक्ति
और करुणा की देवी,
त्याग व समर्पण की
पराकाष्ठा का
अद्भुत प्रमाण;
श्रीकृष्ण के
हर सृजनात्मक कार्य की
पृष्ठभूमि में
जिनकी छाया है,
श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व
जिनके बिना अधूरा है,
जो योगेश्वर की
चेतना के
शुद्ध आनंद का
प्रतिनिधित्व करने वाली
अप्रतिम शक्ति हैं,
वे कृष्ण की शक्ति
राधारानी हैं।
राधा केवल
भौतिक रूप में
अस्तित्वमय नहीं
अपितु
मूल प्रकृति रूप में
वर्णित हैं,
वे नारायण से
अविभाज्य हैं,
यही मूल-बीज
सभी भौतिक रूपों के
विकास का
उद्गम केन्द्र है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण)
अलौकिक
दिव्यस्वरूप
ब्रह्मादि देवों द्वारा वन्दित
जिनकी कीर्ति के
कीर्तन से
त्रैलोक पवित्र होते हैं
ऐसी राधारानी
परमपुरुष की
आत्मरुपा हैं।
(स्कंध पुराण)
तभी तो
नारायण राधारमण हैं।
राधा
व्यक्तिगत आत्मा की
प्रतीक हैं
और श्रीकृष्ण
सार्वभौमिक आत्मा के
प्रतिरूप !
कृष्ण बिना राधा
व राधा बिना कृष्ण की
कल्पना असंभव है !
~मनोज श्रीवास्तव
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