अहंकार शामक देव
वामन भगवान जयंती
भाद्रपद शुक्लपक्ष द्वादशी
अहंकार शामक देव
@मानव
भगवान विष्णु के
पञ्चम अवतार
भगवान वामन,
जिनका तीन पग
त्रिगुणात्मक जीवन का
प्रतीक है,
राजा बलि की
नकारात्मकता के
तामसिक गुणों को
पाताल ले जाने के
योजनाकार हैं।
अहंकार ग्रस्त का
सदाचारण
क्षीण हो जाता है,
बड़ा दिखने पर भी
लघुता घरकर जाती है,
जबकि अहंकार शून्य की
क्षमता और संभावनाएं
व्यापक और अनंत होती हैं।
वामनावतार
इसी सिद्धान्त का
विस्तार है,
अहंकार का शमन कर
वास्तविक विराटता का
उद्घाटक है।
वामन भगवान का
पावन चरण
लघु से विराट होने की
पावन यात्रा है।
~मनोज श्रीवास्तव
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