अहिंसा
अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर विशेष
अहिंसा
@मानव
मन -वचन -कर्म से
किसी जीव को
क्षति न पहुँचाना
अहिंसा है।
अहिंसा जीवन की
साधना है,
जिसकी पूर्णता का
साधन प्रेम है,
तभी अहिंसा का प्रतिफलन
सदैव प्रेम है।
त्याग इसका
आवश्यक घटक है,
फलत: अहिंसा के लिए
त्याग अपेक्षित है।
अहिंसा ही
प्रेम का पर्याय है।
अहिंसा ही
जीवन का आधार है।
सारा जगत ब्रह्म है,
समस्त जीवों में
एक ही परमात्मा का वास है।
अतः जीव हिंसा
परमात्मा की हिंसा है।
यदि हम जीवन दे नहीं सकते,
हमारा अधिकार
मारने का नहीं है।
सब नर करहिं
परस्पर प्रीती
चलहिं स्वधर्म
निरत श्रुत नीति से ही
इसका पालन संभव है।
~मनोज श्रीवास्तव
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