रामराज्य

 रामराज्य



      @मानव

ऐसी समग्र राज्य व्यवस्था 

जिसमें सामाजिक जीवन 

धर्मावलम्बित है 

रामराज्य है।


यह मानव सभ्यता में 

विशिष्ट राष्ट्र की 

ऐसी कल्पना है,

जिसमें सभी नागरिक 

शिक्षित हैं,

बोध सम्पन्न हैं,

सभी प्रकार की 

शुभता से युक्त हैं,

दैहिक दैविक और भौतिक

दुखों से मुक्त  

परस्पर प्रेम करते हुए 

विधि सम्मत मर्यादा में रहकर 

धर्म-पालन करते हैं, 

राज्य व समाज के

सभी आधारभूत घटकों को 

श्रद्धा से ओत-प्रोत करते हुए 

हर एक की स्वतंत्रता 

सुनिश्चित करते हैं, 

सर्वत्र भद्र देखते हैं।


यह सुशासन की

ऐसी कल्पना है,

जहाँ सबको योग्य बनने 

और योग्यतानुसार 

हर लब्धि का 

अधिकार देती है, 

सर्वत्र पारदर्शिता है;

समाज के अंतिम व्यक्ति के 

उत्थान की चिंता प्रधान है।


रामराज्य सच्चा लोकतंत्र है

जो राजा व निर्धन 

दोनों के अधिकार 

सुनिश्चित करता है 

नैतिक अधिकार के आधार पर 

यहाँ लोगों की संप्रभुता है ।

जिसका मूलाधार

लोकहित सँग मानवतावाद है।

रामराज्य में मनुष्य 

और प्रकृति 

निजधर्म पालक हैं, 

समग्र कल्याण के लिए

उदारचेता होकर 

त्याग करते हैं,

संग्रह प्रवृत्ति से परे हैं,

धर्म व मर्यादा की स्थापना

उनका उद्देश्य है।

  ~मनोज श्रीवास्तव

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