देवी उपासना

 नवरात्रि पर विशेष

देवी उपासना


      @मानव

भारतीय अनुभूति में 

अनेक देवता हैं,

देवी भी हैं;

हम सब देवी माँ का विस्तार है;

परम सत्य

या देवशक्ति भी 

इस जगत में

माँ के माध्यम से आती है। 

देवरूप माँ की उपासना 

अति प्राचीन धरोहर है।


ऋग्वेद से लेकर 

रामायण,पुराण,महाभारत तक

देवी उपासना उल्लिखित है;

देवी भारत माता

इस राष्ट्र की अभिभावक हैं।


ऋग्वेद में पृथ्वी माता हैं ही 

इडा,सरस्वती और मही

तीन देवियाँ उल्लिखित हैं,

देवी प्रति क्षण स्तुत्य हैं,

दुःख और विषाद

प्रसन्नता और आह्लाद में भी। 


देवी दिव्यता हैं,

माँ हैं,

भारत स्वाभाविक ही

देवी उपासक है,

देवी पूजा से भारत 

नई शक्ति अर्जित करता है।


प्रत्यक्ष भाव बोध में

प्रकृति भी देवीमाता है। 

इसे देवी माँ कहने में ही 

परिपूर्ण ममत्व प्रीति खिलती है।


माँ और संतान के

अविभाज्य 

और अनिर्वचनीय प्रेम का

चरम है देवी उपासना।


माँ सर्वभूतेषु उपस्थित हैं,

वह देवी हैं,

दिव्य हैं,

देवता हैं,

प्रणम्य हैं।

अस्तित्व को माँ रूप में देखना

आनन्ददायी है।

अस्तित्व से स्वयं को

जोड़ने का अनुष्ठान

देवी उपासना है।


 ~मनोज श्रीवास्तव

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