अक्षय तृतीया

 अक्षय तृतीया


         @मानव

शुभ कार्यों का

अक्षय फल प्रदाता दिवस;

स्वयंसिद्ध मुहूर्त;

युगादि तिथि;

       (भविष्य पुराण)

सत् व त्रेता युगों की 

प्रारंभ तिथि;

भगवान विष्णु के

नर-नारायण,

हयग्रीव 

और परशुराम स्वरूप का 

अवतरण दिवस;

भगवान बद्रीनाथ की 

प्रतिमा का स्थापना दिवस; 

महाभारत युद्ध  की

समाप्ति का दिवस, 

जिसने सत्य की स्थापना कर

महान भारत के दर्शन कराए;

द्वापरयुग का समापन दिवस

जो हमारे कर्मों के

परिणाम को 

अक्षय करने का संदेश देता है।


 ~मनोज श्रीवास्तव

Comments

Popular posts from this blog

रामकथा

'सीतायाः चरितं महत्'

आत्मा की समृद्धि का पर्व