बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना

 हनुमत् जन्मोत्सव पर विशेष

बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना



      @मानव

जिसमें शील हो

वही चरित्रवान है, 

चरित्रवान ही

वास्तविक बलवान है,

इसी लिए श्री हनुमान जी 

अतुलित बलधाम हैं।


पवन तनय का बल 

पवन समान है

वे बुद्धि, विवेक व विज्ञान के 

अप्रतिम निधान हैं;

बल,बुद्धि,विद्या आ जाने पर 

क्लेश एवं विकार से  

मुक्त होने की क्षमता

विकसित हो जाती है, 

इसलिए श्री हनुमान जी

श्री राम के बड़े-बड़े कार्य

सकुशल कर सके,

राम काज के लिए

अपना अवतार सिद्ध कर सके।


रामनाम अभ्यासी बजरंगी सम

पवित्रता दुर्लभ है,

वे अर्थ-पावित्र्य हैं,

काम-पावित्र्य हैं,

मोक्ष-पावित्र्य है,

विनम्र हैं,

नीति निपुण हैं

नीति निर्धारिक हैं;

उनका जन्म भी दिव्य है 

और कर्म की दिव्य है;

उनका जीवन चरित्र

हमारी सकारात्मक सोच का 

मार्ग दर्शक बन

हमें मोक्ष प्रदान करने वाला है।


 ~मनोज श्रीवास्तव

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