ऋत सत्य के संवाहक


 देवर्षि नारद जयन्ती (ज्येष्ठ कृष्ण द्वितीया) पर विशेष 

ऋत सत्य के संवाहक


       @मानव

भगवान के कल्याणकारी, 

करुणामय संकल्प को 

मूर्त रूप देने का कार्य 

देवर्षि नारद जी करते हैं।


जिन कारणों से 

लोगों के मन में

नारद-सम भक्तों के प्रति 

भ्रम की स्थिति होती है,

वे शुद्ध आध्यात्मिक हैं, 


ऋत सत्य के संवाहक 

नारद जी वह किरण हैं

जो रामचन्द्र व कृष्णचन्द्र की ही

किरणों के प्रकाशक हैं,

हर कार्य में उनका उद्देश्य 

जीव का आध्यात्मिक कल्याण ही है।


भगवान के भक्तों में 

विश्वास और समर्पण के 

संस्कारों का बीजारोपण कर

भक्ति, भक्त और भगवंत को

एकाकार करने की भूमिका 

नारद जी की है।


चाहे वे भक्त हों 

या वे दिग्भ्रमित जन 

जो भगवान की लीला 

न समझ पा रहे,

उन्हें सन्मार्ग पर

लाने का महान कार्य

नारद जी ही करते हैं।


भगवान के साथ बंधन को 

मुक्ति मानना भक्ति है

और यही मुक्ति भी;

भक्ति के अभाव में 

मुक्ति-सुख असंभव है

नारद जी भक्त को भक्ति 

और ज्ञानी को मुक्ति का 

वितरण करते हैं।


भक्ति-सत्य-सन्मार्ग के, 

संवाहक नारद जी

सदैव जो करते है 

भगवद् प्रेरक कार्य ही करते हैं

अतः सदा वंदनीय हैं।


 ~मनोज श्रीवास्तव

Comments

Popular posts from this blog

रामकथा

'सीतायाः चरितं महत्'

आत्मा की समृद्धि का पर्व