श्रीराधारानी
श्रीराधारानी
@मानव
लीलापुरुष श्री कृष्ण की
रानियों और प्रेमिकाओं में
श्रीराधारानी का
सर्वोत्तम स्थान है;
जिनकी पूजा-अर्चना बिना
श्रीकृष्ण की पूजा को
अधूरा माना गया है।
श्रीराधारानी
श्रीकृष्ण के प्राणों की
अधिष्ठात्री देवी हैं,
भगवान जिनके अधीन रहते हैं;
वे संपूर्ण कामनाओं का
राधन करती हैं,
इसी कारण वे श्रीराधा हैं।
वे श्रीकृष्ण की
आह्लादिनी शक्ति हैं;
'कृष्ण वल्लभा' कहकर
उनका गुणगान किया गया है;
वे वृंदावनेश्वरी श्रीराधा
सदा श्रीकृष्ण को
आनंद प्रदान करती हैं।
उनकी रूप माधुरी
संपूर्ण जगत को मोहने वाली है
और वे सर्वोत्तम गुणवाली हैं;
श्रीराधारानी सर्वतीर्थमयी हैं;
ऐश्वर्यमयी हैं;
वे भगवान की
निज स्वरूपा शक्ति हैं;
जो सच्चिदानंदमयी
एवं नित्य हैं;
भगवान श्रीकृष्ण की भाँति ही
ब्रह्म स्वरूपा
और प्रकृति से परे हैं।
स्थायी प्रेम की कामना से
श्रीराधारानी के नामों के जाप से
विशेष आशीष प्राप्त होता है,
जीवन प्रेम से भर भर जाता है,
सांसारिक जीवन
सुखमय बीतता है।
शब्दार्थ
राधन - साधने की क्रिया
✍️मनोज श्रीवास्तव
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