नववर्ष पर माँ की साधना
नववर्ष पर माँ की साधना
@मानव
हिंदुओं का वर्षारंभ
"नास्ति मातृ समोगुरुः"
पर आधारित है;
गुरुरूपिणी माता की
वंदना-उपासना से
नए वर्ष का आरंभ होता है
और वह भी नौ दिन पर्यंत।
दुर्गा माता तो विश्वेश्वरी,
विश्वात्मिका,जगद्धात्री
तथा जगत प्रसविनी हैं;
दुर्गा ही सभी प्राणियों में
चेतना,बुद्धि,निद्रा,क्षुधा,
तृष्णा,शांति,लज्जा,श्रद्धा,
कांति,स्मृति,दया,तुष्टि
तथा भ्रांति रूप से व्याप्त हैं;
यह सभी उस महाशक्ति की
विविध रूपों में अभिव्यक्तियां हैं।
इस दिन श्रद्धाभक्ति पूर्वक
माता का स्मरण,
भजन,पूजन,व्रत,यज्ञ,
अनुष्ठान,उपवास आदि कृत्यों से
मातृ देवो भव की उक्ति को
चरितार्थ करते हैं।
✍️मनोज श्रीवास्तव
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