नवरात्र साधना का संदेश
नवरात्र साधना का संदेश
@मानव
वासंतिक हो या शारदीय
दोनों नवरात्र
ऋतुराज परिवार के पर्व हैं;
वासंतिक नवरात्र राजा है
तो शारदीय नवरात्र राजकुमार।
वासंतिक नवरात्र के राजा होने का
प्राकृतिक संदेश है
कि इसमें रात छोटी होने लगती है,
यानी अंधकार कम
प्रकाश अधिक होता है।
वसंत त्याग और सृजन की ऋतु है
जो वर्ष भर पालित-पोषित पत्तों से
मोह छोड़ देता है,
नए पल्लव से नवसृजन का संदेश
वसंत देता है।
वासंतिक नवरात्र में ठंडक कम होना,
वातावरण ऊर्जायुक्त होने का
सन्देश है,
यह आलस्य की
शिथिलता से मुक्त होकर
कर्मठता की ओर बढ़ने का संदेश है।
शारदीय नवरात्र में
रात बड़ी होने का अर्थ है
कि जब जीवन में अंधेरे की
अवधि लंबी हो
तब भी प्रकृति के संदेश को
आत्मसात किए रहना चाहिए;
रात के अंधेरे में
साहस की ऊर्जा
प्रज्वलित रखने का संदेश है।
रात्रिकाल दिन की अपेक्षा
शांतिकाल है,
जहाँ नींद के रूप में
विश्राम मिलता है,
जो अगले दिन में सक्रिय रखने का
सामर्थ्य प्रदान करता है;
'या देवी सर्वभूतेषु
निद्रारूपेण संस्थिता' की प्रार्थना
नवरात्र की अवधि का उपयोग
साधना के लिए करने की
प्रेरणा प्रदान करता है।
✍️मनोज श्रीवास्तव
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