मतदान

 लोकतंत्र का पर्व

मतदान


        @मानव

मतदान की महिमा विशिष्ट है;

लोकतंत्र में जनमत ही निर्णायक है;

जनमत का प्रयोग

मतदान से ही संभव है,

यह स्वाभाविक है।


मतदान ही

लोकतंत्र का भाजक है;

नागरिक अधिकार का स्रोत है;

अन्य दानों की तरह ही

आत्मिक ऊर्जा का स्रोत है। 


मतदान को राजनीति

या समाज

या व्यक्ति से नहीं जोड़ना,

यह आत्मसत्ता का

भजनफल है;

मतदान तंत्र का बल है,

तंत्र के बिना मंत्र भी

व्यर्थ ही सिद्ध होगा।


राजा हो या प्रजा,

दोनों का संपूर्ण प्रभाव 

मतगणना से ही लगाना 

सैद्धांतिक है;

व्यावहारिकतः

सही मतदान की

सही मतगणना ही

जनजीवन की राह है। 


मतदान का दर्शन

प्रथम नागरिक को भी ज्ञात हो

और अंतिम नागरिक को भी;

सो,मतदाता से

लोकतंत्र का अस्तित्व है;

वर्तमान युग में मतदान ही 

सबसे बड़ा दान है।


 ✒️मनोज श्रीवास्तव

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