अनमोल स्वतंत्रता

 अनमोल स्वतंत्रता


       @मानव

स्वाधीनता दिवस

भारत के लिए

दो तरह की अनुभूतियाँ 

लेकर आता है

पहला,

जिन असंख्य

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के

संघर्ष के कारण

हम ब्रिटिश दासता के

चंगुल से मुक्त हुए

उनके प्रति श्रद्धा के भाव

मन में स्वयं उपज जाते हैं।


दूसरा

देश को आजादी के साथ 

बंटवारे का दंश भी झेलना पड़ा

विभाजन के त्रासद की मार के बाद

नए देश बने पाकिस्तान से 

लाखों हिंदू और सिख शरणार्थी

देश के अनेक हिस्सों के साथ 

दिल्ली में भी आए।



ये वे सौभाग्यशाली थे

जो बचकर आ गए थे

अन्यथा तो लाखों अभागे 

अमानवीय हिंसा व अत्याचार में

काल कवलित हुए थे।


विभाजन की त्रासदी

इतनी वीभत्स थी

कि शरणार्थियों का रेला

आता-समाता रहा।

वे पहाड़ों से लेकर

जंगलों तक जाकर बसे;

फीनिक्स पक्षी की तरह

राख से जिंदा होकर

फिर उठ खड़े हुए।


सरकार ने उन्हें बोझ समझा,

उन्हें ताने सुनाए जा रहे थे

जबकि उनकी यह दुर्गति

उन्हीं सत्ता के दलालों का

त्रासद उपहार थी।


देश के बंटवारे के समय 

इंसानियत एक तरह से

मरी पड़ी थी,

तब देश में सरकार नाम की 

कोई चीज मुश्किल से ही थी;

सब तरफ अराजकता

और अव्यवस्था का आलम था;

उस दौर में निःस्वार्थ भाव से 

शरणार्थियों का साथ देने वाले

किसी फरिश्ते से कम न थे। 


न तो विभाजन को

भूला जाना चाहिए

और न ही लाखों-लाख 

शरणार्थियों को;

हमें यह याद रखना है

कि देश को विभाजन की 

भारी कीमत चुकानी पड़ी थी।


इसीलिए हर किसी को

यह समझना होगा

कि हमें जो स्वतंत्रता मिली, 

वह अति अनमोल है;

स्वाधीनता दिवस के अवसर को

सुयोग बनाने की जरूरत है, 

ताकि देश आगे बढ़ सके। 


देश सुरक्षित और समृद्ध होगा

तभी सभी का भविष्य सुधरेगा;

भविष्य हमारा है,

मगर तभी जब हम अपने 

दायित्वों का निर्वाह करते हुए 

नए भारत के निर्माण में 

समुचित सहयोग करेंगे।


हमें स्वतंत्रता की महत्ता 

समझनी होगी

हमने बीते वर्षों में

जो कुछ अर्जित किया है, 

उससे अधिक पाने के हकदार

बनने का प्रयास करना होगा।


 ✍️मनोज श्रीवास्तव

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