विश्वकर्मा प्रजापति:


          @मानव

भगवान ब्रह्मा जी ने

सृष्टि बनाई,

इसके निर्माण कार्य का निष्पादन

सातवें पुत्र विश्वकर्मा जी को सौंपा;

अतः विश्वकर्मा प्रजापति

अर्थात सृष्टि के निर्माता हैं

"विश्वकर्मा प्रजापति:

स सर्जनात् प्रजापति:"।


विश्वकर्मा की सर्जनात्मक शक्ति

और सृष्टि संरक्षक शिव के साथ

तादात्मय उल्लेखनीय है।

"विश्वकर्मा रुचिरनिर्माणम्, 

विश्वकर्मा शिवमाचरेत्।"


ब्रह्मा जी के आदेश पर ही 

विश्वकर्मा जी ने सृष्टि का 

मानचित्र बनाया था।

अतः वे विश्व के

प्रथम अभियंता हैं।


भगवान विश्वकर्मा का

सृष्टि के निर्माता

और विधाता के रूप में

आह्वान किया जाता है।

"विश्वकर्मा त्वमसि धाता, 

विश्वकर्मा त्वमसि विधाता।"


विश्वकर्मा जी की अन्य कृतियाँ हैं

देवाधिदेव शंकर का त्रिशूल,

पुष्पक विमान,

सोने की लंका,

श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका, 

पाण्डवों का इंद्रप्रस्थ,

व देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र।

विश्वकर्मा जी को यांत्रिकी 

और वास्तुकला विज्ञान के

जनक का श्रेय है।

   (ऋग्वेद)


विश्वकर्मा की सर्वव्यापकता, 

सर्वज्ञता,शक्ति-संपन्नता 

और अनंतता है।

'विश्वतः चक्षुरुत विश्वतोमुखो

विश्वतोबाहुरुत विश्वस्पात'

 (श्वेताश्वतरोपनिषद् का 

तृतीय अध्याय)


भगवान विश्वकर्मा की 

सर्वशक्तिमत्ता

और सर्वज्ञता

सदा पूजनीय है।

"विश्वकर्मा भगवान् 

सर्वशक्तिमान;

विश्वकर्मा भगवान् सर्वज्ञम्।"


जो साधुजन

विश्वकर्मा के सद्गुणों को धारण कर

निःस्वार्थ भाव से कार्य करते हैं,

उन्हें विश्वकर्मा की उपाधि से 

अलंकृत किया जाता है।


भगवान विश्वकर्मा जयंती 

निर्माण कार्यों से जुड़ें 

वास्तुकारों के लिए

उत्सव का दिन है।

क्योंकि वे विश्व निर्माता हैं।


 ~मनोज श्रीवास्तव

Comments

Popular posts from this blog

रामकथा

'सीतायाः चरितं महत्'

आत्मा की समृद्धि का पर्व