जीवन की नूतन दृष्टि हैं गणेश

 जीवन की नूतन दृष्टि हैं गणेश


          @मानव

गणेश जी हमारी चेतना के

केंद्र में अवस्थित हैं,

गणेश जी की पूजा

सजग चेतना द्वारा

की जा सकती है,

उनका आवाहन

परब्रह्म के रूप में होता है

अर्थात् वह एकमात्र ईश्वर है,

जो सभी वर्णनों और 

संकल्पनाओं से परे हैं।


गणेश जी का

"कभी जन्म नहीं हुआ,

जहाँ कोई विकल्प

या कोई विचार नहीं है 

जिनका कोई आकार भी नहीं है;

जो आनंद भी है

और आनंद के बिना भी है 

और जो एक ही है,

ऐसे गणपति परब्रह्म का रूप हैं;

आपको मैं नमस्कार करता हूँ।"

'अजं निर्विकल्पं निराकार रूपम...'

   (आदि शंकराचार्य)


योगशास्त्र के अनुसार

गणेश जी

मूलाधार चक्र के स्वामी हैं 

और पृथ्वी तत्व से जुड़े हैं;

जब मूलाधार चक्र

सक्रिय होता है,

तब हमें साहस का

अनुभव होता है

और उसके निष्क्रिय होने पर 

आलस्य और इच्छाओं की 

कमी का अनुभव होता है;

मूलाधार चक्र में चेतना को 

गणेश जी समझा गया है। 


गणेश जी के बाह्य स्वरूप में,

गहरा रहस्य छिपा हुआ है;

वे बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं;

जब व्यक्ति भीतर से

जाग्रत होता है,

तभी वास्तविक बुद्धि का 

उदय होता है।


गणेश अथर्वशीर्ष में

हर जगह गणेश जी की

उपस्थिति की प्रार्थना है,

वे पंचतत्वों में समाहित हैं 

और हर दिशा में व्याप्त हैं। 


पूजा और ध्यान से हमें 

अपने भीतर छिपी चेतना 

और गुणों को जाग्रत करने का

अवसर मिलता है;

हम उनके रहस्यों को

समझ सकते हैं

और आध्यात्मिक उन्नति की 

दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।


गणेश जी का हाथी का सिर

अशुद्धियों को हटाने का प्रतीक है;

गणेश जी की पूजा से

हमें हाथी जैसी स्थिरता

और शक्ति का अनुभव होता है

और हमारे भीतर उत्साह

व ऊर्जा का संचार होता है।


गणेश जी का वाहन मूषक

जो प्रतीकात्मक है,

एक छोटे बीज मंत्र की तरह है,

जो अज्ञान के आवरण को काटता है।


मूषक की उपस्थिति बताती है

कि सच्चा ज्ञान पाने के लिए 

तर्क और चिंतन आवश्यक है;

हाथी-सिर के साथ

चूहे का होना

एक गहरे संतुलन

और शक्ति का प्रतीक है। 


गणेश जी 'एकदंत' हैं;

यह दर्शाता है

कि जीवन का स्रोत ‘एक’ ही है,

जो ध्यान और एकता का प्रतीक है।


गणेश जी का विशाल उदर 

उनके विनम्र

और उदार स्वभाव को दर्शाता है;

वे उदारता के प्रतीक हैं

और सभी को स्वीकार करते हैं।


गणेश जी की पूजा से 

जीवन के प्रति

एक नई दृष्टि भी मिलती है;

उनकी प्रतीकात्मकता 

जीवन की कठिनाइयाँ पार करने

और सच्चे ज्ञान की प्राप्ति के लिए

प्रेरित करती है।


 ✍️मनोज श्रीवास्तव

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