नाग देवता
सृष्टिकर्ता की हताशा के अश्रुकण से उद्भूत,
मानव मूलाधार चक्राकृति,
सहस्त्रसार चक्र सम फण,
सूर्य द्वारा घोषित पञ्चमी अधिकारी,
विष्णु शैय्या सेवा प्रदाता (शेषनाग),
शिव के कण्ठहार,
फण पर महिभार धारक,
रुद्र,गणेश व कालभैरव के यज्ञोपवीत,
सृष्टि संचालन में ग्रह भूमिका (अष्टनाग),
पितृ दोष निवारक,
कुलोन्नति माध्यम,
नागदेवता!
शिरश: नमामि!
मनोज श्रीवास्तव
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