समृद्धि के प्रकाश का पर्व
![Image](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEio_M8-Eafq5TvhQcCMxaXtgxxmIGHveM9zOCWfQkW8_Ml9nQPG5qo_inykg37VCYtz_J4ZcVpMGuFiQmNptj6l1YIvoo4AOWFvqv1fHJtY8XeEtWZTvqyFIDiBDjQCAs-sWyOPj9IFT53y5kfeSfeD7-t-AQRxBxHyZtg3nVpGI0hvL3CJPOYkyHNh7F48/s320/IMG_20231127_082239.jpg)
देव दीपावली पर विशेष समृद्धि के प्रकाश का पर्व @मानव भारतीय समाज का जीवन धर्ममय होता है और सभी क्रियाकलाप धर्म की पूर्ति के लिए होते हैं। ऋषि-मुनियों व पूर्वजों ने पर्वों,त्योहारों,उत्सवों की स्थापना धार्मिक कर्तव्यों का स्मरण कराने और हमें सत्य,न्याय, त्याग,परोपकार के सिद्धांतों पर चलकर अपना और निकटस्थ का हित साधन करते रहने हेतु की। देवोत्थान एकादशी के दिन देवता जाग्रत होते हैं और कार्तिक पूर्णिमा के दिन वे यमुना तट पर स्नान कर दीपावली मनाते हैं दीप प्रज्वलित करते हैं। जनजीवन को सच्चरित्र, आदर्शवाद,सेवा, सद्भावना,सहयोग और सज्जनता से परिपूर्ण करने वाली प्रेरणाओं से भर देने वाली देव दीपावली का मूल उद्देश्य इन्हीं प्रेरणाओं को ग्रहण करना है। देव दीपावली का सच्चा संदेश है कि यदि हम अपने राष्ट्र को अपने समाज की समृद्धिशाली संपत्ति का स्वामी बनाना चाहते हैं, तो हम सबको मिलकर दैन्य और दरिद्रता के कारणों का मूलोच्छेदन करना चाहिए; तभी देश की आर्थिक स्थिति के साथ समाज विकसित और सुदृढ़ हो जाएगा। ✍️ मनोज श्रीवास्तव