त्रिभुवन सुखदाता
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पावन गङ्गा दशहरा पर त्रिभुवन सुखदाता @मानव निर्मल और पवित्र है माँ गङ्गा का जल, अध्यात्म से लेकर विज्ञान तक इसके आगे नतमस्तक है; पूर्वजों के तर्पण से लेकर पाप मुक्ति व मोक्ष प्रदान करने वाली माँ गङ्गा सौभाग्य का सूचक हैं। भारतीय ऋषि-महर्षियों को गङ्गा के वैज्ञानिक महत्व एवं अद्भुत प्राकृतिक संरचना का ज्ञान था, तभी तो शास्त्र-पुराणों में गङ्गा भारतीय संस्कृति का प्राण है। गङ्गा माँ भारत की प्राण हैं। वह जीवनदायिनी और मोक्षप्रदायिनी हैं उनके दर्शन मात्र से पाप और शोक नष्ट हो जाते हैं। गङ्गा एक पवित्र नदी मात्र नहीं, बल्कि सभ्यता की अधिष्ठात्री हैं, जो आध्यात्मिक महत्व के कारण हमारी संस्कृति में आदर के सर्वोच्च सोपान पर हैं। गङ्गा माँ के आँचल में हर भारतीय शिशु की भाँति अठखेलियाँ कर आशीर्वाद की आश्वस्ति पाता है, जिनके तट पर बैठ वह दुख-सुख सब कह पाता है, जिनके जल से अभिषेक कर वह नई ऊर्जा से भर जाता है; गंग सकल मुद् मङ्गल मूला। सब सुख करनि हरनि सब सूला।। (गोस्वामी तुलसीदास) भारत के लिए माँ गङ्गा किसी वरदान से कम नहीं हैं, वह सतयुग से लेकर आज तक करोड़ों श्रद्धालुओं को शांति,