जय हनुमान
हनुमान जन्मोत्सव पर जय हनुमान @मानव हनुमान जी के दाएँ हाथ में सुशोभित गदा से काम,क्रोध,लोभ, मोह,मद मत्सर आदि छः विकारों के चूर्ण-विचूर्ण करने का भाव है। बाएँ कंधे पर राम हैं जिससे हृदय में उनकी दृढ़ धारणा करने का आशय लिया जाता है। विशेष रूप से खुले दोनों नेत्र से जाग्रत होने और अधोगामी विचारों व प्रवृत्तियों से दूर रहने का अर्थ लिया जाता है। ✍️ मनोज श्रीवास्तव